पिछले साल अप्रैल से दिसंबर में 49 फीसदी बढ़ा इलेक्ट्रॉनिक सामानों का एक्सपोर्ट, जानिए लेटेस्ट डाटा
Electronic Goods Exports: अप्रैल-नवंबर 2021 में जिन देशों में सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट किया गया उनमें यूएसए 18%, यूएई 16.6%, चीन 7.6%, नीदरलैंड 4.5% और जर्मनी में 4.2% है. मोबाइल फोन भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स सामान क्षेत्र के निर्यात का एक बड़ा हिस्सा है.
सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से एक्सपोर्ट में और बढ़ोतरी की उम्मीद है. (फाइल फोटो: पीटीआई)
सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से एक्सपोर्ट में और बढ़ोतरी की उम्मीद है. (फाइल फोटो: पीटीआई)
Electronic Goods Exports: भारत का इलेक्ट्रॉनिक सामानों का एक्सपोर्ट पिछले महीने 1.67 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया. इसमें 33.99 फीसदी से ज्यादा की वृ्द्धि दर्ज की गई. दिसंबर 2020 में ये बढ़कर 1.25 बिलियन डॉलर हो गया. अप्रैल-दिसंबर 2021 के दौरान इस सेक्टर के एक्सपोर्ट में 49% की वृद्धि के साथ 11.0 बिलियन अमेरिकी डॉलर दर्ज किया गया. जबकि साल 2020 में इसी अवधि के दौरान यह 7.4 बिलियन अमरीकी डॉलर था.
वहीं अप्रैल-दिसंबर 2019 में 8.8 बिलियन डॉलर और अप्रैल-दिसंबर 2014 में 4.8 बिलियन डॉलर रहा. इस तरह इलेक्ट्रॉनिक सामानों के एक्सपोर्ट में 26 फीसदी और 131 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई.
इन देशों में हुआ सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट
अप्रैल-नवंबर 2021 में जिन देशों में सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट किया गया उनमें यूएसए 18%, यूएई 16.6%, चीन 7.6%, नीदरलैंड 4.5% और जर्मनी में 4.2% है. मोबाइल फोन भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स सामान क्षेत्र के निर्यात का एक बड़ा हिस्सा है. इस क्षेत्र में आईटी हार्डवेयर लैपटॉप, टैबलेट, टीवी और ऑडियो शामिल हैं. वहीं इसके अलावा ऑटो इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स्, एलईडी लाइटिंग, स्ट्रैटेजिक इलेक्ट्रॉनिक्स आदि भी हैं.
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पिछले वित्तीय वर्ष (मार्च, 2020-अप्रैल, 2021) में इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों का कुल निर्यात 11.11 बिलियन अमेरिकी डॉलर था. वहीं FY2021-22 की पहली तीन तिमाहियों में यह 11.0 बिलियन अमरीकी डॉलर पहु्ंच गया. इस मामले में पिछले सारे रिकॉर्ड टूटने वाले हैं. ये आंकड़ा वित्त वर्ष 2019-20 के 11.7 बिलियन के पिछले लेवल से काफी ज्यादा है.
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और बढ़ोतरी की उम्मीद
सरकार द्वारा उठाये गए कदमों से इसमें और बढ़ोतरी की उम्मीद है. जिनमें राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स नीति, 2019 , सिस्टम डिजाइन एवं विनिर्माण (ईएसडीएम) के लिए एक ग्लोबल हब के रूप में भारत को स्थापित करने की परिकल्पना की गई है. इसके तहत बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन स्कीम (PLI) शामिल है.
वहीं आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई, इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट तथा सेमीकंडक्टरों के विनिर्माण के संवर्धन के लिए स्कीम (स्पेक्स) आदि से भी निर्यात में बढ़ोतरी की उम्मीद है. आपको बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए ऑटोमैटिक रूट के तहत 100 प्रतिशत तक की एफडीआई की भी अनुमति है.
09:55 PM IST